NEELAM GUPTA

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बचपन की सुंदर यादें।

बचपन की सुंदर यादें।

देखिये खिलाड़ी तो हम बचपन में बहुत अच्छे थे ।हमारे खेल स्टापू, गीट्टे, लुकाछुपी,आँखो पर पट्टी बांध कर पकड़ना ना जाने कितने । किसी की मजाल हमें हरा दे ।एक से एक बढ़कर प्रति स्पर्धा।

सब में शरीर की अच्छी खासी कसरत हो जाती थी ।थककर चूर हो जाते थे फिर भी मन नहीं मानता था ।कितनी मेहनत करते थे हम।ऊपर से मम्मी की डांट कब तक खेलते रहोगे ।पढाई और घर का काम नही देखना है ।आफत की छड़ी हमेशा सिर पर टंगी रहती थी।

मम्मी को भी थोड़ी देर बस ,थोड़ी देर बस करके बहलाते रहते थे ।और जुटे रहते थे निर्भीकता और साहस के साथ अपने साथियों के संग मिलकर , दे ठप्पा करने में।

कितना डर होता था कि मम्मी नाराज ना हो जाए ।और डांट पड़ती उसका तो पूछो ही मत ।एक तो पसीना बहाकर आते थे ऊपर से ये रूप मम्मी का ऊफ!

जान ही निकल जाती थी ।फिर भी शान्ति से अपने कामों में लग जाते थे ।कोई थकान महसूस किये बगैर। कि बस मम्मी जी शांत रहे।

अगली बार खेलने की सख्त मनाही होती थी पूरे दिन बाहर खेलती हो घर में भी मन लगा लिया करों। यहाँ कहां जू रेंगने वाली थी कानों पर। दबे पाँव खिसक लेते थे मम्मी के दाए बाए होते ही।

देखा  ना हम खिलाडियों का जीवन कितना जोखिम भरा था एक एक कदम फूकफूक कर रखना पड़ता था ।

अब आप सभी जो हमारे हम उम्र है वह तो ये बात भलीभाँति जानते ही होगे ।ज्यादा पढ़ाकूओ की बात नहीं कर रही ।अपने जैसे मस्त मौला जीवों का ये काम होता था।

अपने पुराने दिन याद करिये हँसते रहिये मुस्कुराते रहिये यही जीवन है दुबारा नही मिलेगा ।
✍😅😅😅😃😃😃🌹🌹🌹🌹❤🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣😊😊🤪🤪🤭🤭🤭
नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया)🌹🌹
                 दिल्ली

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6 Comments

Miss Lipsa

26-Aug-2021 07:03 AM

Mast

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Swati Charan Pahari

18-Jun-2021 09:37 PM

बहुत सुंदर और सटीक वर्णन👌

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NEELAM GUPTA

18-Jun-2021 05:50 PM

आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया

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